Sunday, January 20, 2013

दिल जितना ही घायल होगा


दिल जितना ही घायल होगा
और उतना हि पागल होगा ।

आवेश मे क्यु है आसमान
बरसता तो वो बादल होगा ।


धुन्धला हि सहि पर तुझको
याद तो गाँव का पिपल होगा ।

बचपन गुजरी हो जहाँ कभी
आँखो से कब कैसे ओझल होगा ।

याद आती होगी,रोती होंगी माँ
बहता आँखो से काजल होगा ।

दीवानगी मे  जिन्दा  है सदियाँ
इश्क़ में मिले तो इक पल होगा ।

No comments:

Post a Comment