Sunday, September 16, 2012

हकदार हम नही थे !! (हिन्दी )


गुलाब थे काँटो के साथ भवरें भी कम नही थे
खुशीयाँ मिली भी जिसके हकदार हम नही थे !!

मेहरबान हुआ खुदा ,दी मौका -ए -दिदार
नज़रे ढुढती रही महफीलमे तुम नही थे !!

आए , चले गए, बेबस रोई मौजुदगी मेरी
माना मोहब्बत-ए- ईश्क मे मेरे दम नही थे !!

निकली जब मै रुसवा होकर उसकी गलीसे
गमगीन था वो चेहरा पर आँखें नम नही थे !!

है सिर्फ इक सवाल पुछना गर मिला तो मौला
मेरे लिए जुदाई के  शिवा और गम नही थे ?

निर्मला खड्का

No comments:

Post a Comment