कहानी
लम्हें /लम्हात
कोई किताब
फिर सवालात
दिवारे /आंशियाँ
जज्बात / सौगात
सन्नाटे का आलम
बेवजह उदासीका सबब
हालात
नसीहतें
दहलिज
खामोश चौखटें- आगन
ब्याकुल स्तुती
किस्से
बेफिक्री अलमस्ती की
हरियाली ,खलिहान
महकता गुलाब
लाल गुलमोहर
बर्साती संगीत
बातें निकली जब दुर तक
बिना जवाब के सवालात के साथ
एक उम्र छुट गई हाथो से ।
लम्हें /लम्हात
कोई किताब
फिर सवालात
दिवारे /आंशियाँ
जज्बात / सौगात
सन्नाटे का आलम
बेवजह उदासीका सबब
हालात
नसीहतें
दहलिज
खामोश चौखटें- आगन
ब्याकुल स्तुती
किस्से
बेफिक्री अलमस्ती की
हरियाली ,खलिहान
महकता गुलाब
लाल गुलमोहर
बर्साती संगीत
बातें निकली जब दुर तक
बिना जवाब के सवालात के साथ
एक उम्र छुट गई हाथो से ।
बेहतरीन
ReplyDeleteहोली की अग्रिम शुभकामनायें :)
शुक्रिया मुकेश जी , आपको भी होली कि ढेर सारी शुभाकमनाएं :)
Deleteहार्दिक आभार तुषार जी !
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